आज काथलिक कलीसिया रोम के संत
लोरेंस का पर्व मनाती है. संत लोरेंस रोम के उपयाजक थे. 258 ईस्वी के अगस्त महीने
के प्रारम्भ में रोम के शासक वलेरियन ने यह आज्ञा निकाली कि “सभी धर्माध्यक्षों,
पुरोहितों और उपयाजकों को तुरंत मौत के घाट उतार दिया जाये.” जिसका परिणाम यह हुआ
कि उस समय के संत पापा सिक्स्तुस द्वितीय को 6 अगस्त को मार दिया गया. लोरेंस के
साथी भी मारे गये. उसको बड़ा दुःख हुआ कि मरने वालों में उसका नाम नहीं था. उसने
संत पापा से वादा किया बहुत जल्द ही वो भी उनके पीछे हो लेंगे. और कहते हैं कि 10
अगस्त को लोरेंस को भी आग में भूनकर मार दिया गया. रोम में चौथी सदी से संत लोरेंस
का बहुत आदर किया जाता है. उनका धर्मोत्साह बहुत सराहनीय है. जब रोम के प्रीफेक्ट
ने कलीसिया की सम्पति का हिसाब माँगा तो लोरेंस ने सारी संपत्ति बेचकर गरीबों और
लाचारों में बाँट दी और उन्हें लेकर रोम पहुँच गये, और बोले “यही है कलीसिया की
संपत्ति.” ऐसे थे संत लोरेंस. आइये हम उन सभी लोगों के लिये दुआ करें जिनका नाम
लोरेंस है.